The African country Sudan is currently battling a civil war. So far more than 400 people have died in the ongoing conflict between the army and paramilitary forces. Citizens of many countries including India are stranded there. Meanwhile, India has started 'Operation Kaveri' to evacuate Indians from Sudan and bring them back to the country. Foreign Minister S Jaishankar gave this information on Twitter. About 3 thousand Indians are stranded in Sudan. Two C-130 aircraft of the Air Force and INS Sumedha of the Navy have reached Saudi Arabia and Sudan to bring back Indians trapped in the civil war in Sudan. Air Force ships are stationed in Jeddah, Saudi Arabia, while INS Sumedha has reached the port of Sudan. This information has been given by the Ministry of External Affairs. India's External Affairs Minister S Jaishankar tweeted, "Operation Kaveri underway to bring back our citizens stranded in Sudan. Around 500 Indians have reached Port Sudan. More Indians are on the way. Our ships and aircraft will take them home." Ready to bring them back. India is committed to helping all our brothers in Sudan."
अफ्रीकी देश सूडान (Sudan crisis) इस समय गृह युद्ध (Civil War) से जूझ रहा है. सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच जारी संघर्ष में अब तक 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. भारत समेत कई देशों के नागरिक वहां फंसे हुए हैं. इस बीच भारत ने सूडान से भारतीयों को निकालने और देश वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन कावेरी' शुरू किया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी. सूडान में करीब 3 हजार भारतीय फंसे हुए हैं. वायु सेना के दो सी-130 विमान और नौसेना का आईएनएस सुमेधा जहाज सूडान के गृह युद्ध में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सऊदी अरब और सूडान पहुंच चुके हैं. वायु सेना के जहाज सऊदी अरब के जेद्दा में तैनात हैं, जबकि आईएनएस सुमेधा सूडान बंदरगाह पहुंच गया है. यह जानकाारी विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया, "ऑपरेशन कावेरी सूडान में फंसे हमारे नागरिकों को वापस लाने के लिए चलाया जा रहा है. लगभग 500 भारतीय पोर्ट सूडान पहुंच गए हैं. रास्ते में और भी भारतीय हैं. हमारे जहाज और विमान उन्हें घर वापस लाने के लिए तैयार हैं. भारत सूडान में हमारे सभी भाइयों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है."