The National Green Tribunal (NGT) has imposed Rs 10 crore penalty on Uttar Pradesh government for failing to check sewage discharge containing toxic chromium into river Ganga at Rania and Rakhi Mandi in Kanpur. The NGT principal bench headed by its Chairperson Justice Adarsh Kumar Goel also imposed Rs 280 crore fine on 22 tanneries for causing pollution. The NGT also held UPPCB liable and directed it to pay Rs 1 crore for ignoring illegal discharge of sewage.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश सरकार पर कानपुर में रनिया और राखी मंडी में गंगा नदी में जहरीले क्रोमियम युक्त सीवेज डिस्चार्ज की जांच करने में विफल रहने के लिए 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एनजीटी प्रमुख पीठ ने प्रदूषण फैलाने के लिए 22 चमड़ा बनाने के कारखानों पर भी 280 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। एनजीटी ने भी यूपीपीसीबी को उत्तरदायी ठहराया और इसे सीवेज के अवैध बहाव की अनदेखी के लिए 1 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया।